
रायपुर – बैठक में नेताम द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश स्तर की कार्यकारिणी की रायपुर स्थित टिकरापारा नागरची भवन में आयोजित बैठक में दिनांक 07.02.2021 को चर्चा में उत्पन्न विरोधाभास को ध्यान में रखते हुए तथा सर्वसम्मिति से कार्यकारिणी पदाधिकारियों का चयन नही किये जाने की स्थिति में अधिकांश सदस्यों के मांग पर दिनांक 21.02.2021 को देवठाना बंजारी नवा रायपुर जो रायपुर शहर से 30 किमी की दूरी पर स्थित है, मतदान कराने का निर्णय लिया गया। इस मतदान को सम्पन्न कराने हेतु श्री अकबर राम कोर्राम जी सेवानिवृत्त आई.पी.एस. को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था। मतदातागण वहां उपस्थित होकर निर्धारित पंडालों में चलकर मतदाता सूची में अपने नाम की पर्ची लाईन लगाकर प्राप्त किया एवं चुनाव अधिकारी नाम निर्देशन पत्र प्राप्त कर उसकी समीक्षा किया जाकर वैध उम्मीदवार के नामों की घोषणा की जा चुकी थी, इसी मध्य कतिपय सदस्यों की ओर से एकमतेन समन्वय बनाकर सर्वसम्मति से गठित करने का विचार किया। उसके लिए निर्वाचन अधिकारी द्वारा आधा घण्टा का समय दिया गया। परन्तु एक से तीन घण्टों बाद भी एकमतेन नही बन सके तथा समाज के अवांछनीय तत्वों द्वारा श्री सोहन पोटाई पैनल के पक्ष में नारे लगाये जा रहे थे तथा सभा को दूषित करने तथा निर्वाचन में व्यवधान उत्पन्न कर रहे थे। निर्वाचन अधिकारी को अपने अधिकार में लेने का प्रयास कर रहे थे तथा बूथ कैपचरिंग की स्थिति निर्मित कर दिये थे।इस स्थिति को ध्यान रखते हुए निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन कराने में असमर्थता व्यक्त करते हुए आगामी तिथि तक के लिए निर्वाचन को स्थगित करने की घोषणा की, इसके पश्चात् सभा में उपस्थित सभी मतदातागण एवं उम्मीदवार अपने-अपने घर को प्रस्थान किये। इसके कुछ क्षण बाद आश्चर्यजनक घटना हुई की एक पक्ष विशेष के द्वारा अपने पैनल के लोगों का नाम अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, महासचिव आदि पदों पर विजयी होने का अनाधिकृत रूप से घोषणा की थी। श्री नवल मंडावी जो स्वयं महासचिव के उम्मीदवार के द्वारा आदेश जारी किया गया। बी.पी.एस. नेताम जी अपने सम्बोधन में यह भी बताया कि छ.ग.सर्व आदिवासी समाज के नियमावली में नामांकन के बाद कार्यकारिणी क मनोनयन का कोई प्रावधान नही है, इसलिए नवल सिंह मंडावी महासचिव द्वारा जारी किया गया आदेश नितांत अवैधानिक, विधि असंगत एवं शून्य है, जिस मैने कार्यवाही प्रांतीय अध्यक्ष के हैसियत से निरस्त कर दिया है। बी.पी.एस.नेताम जी द्वारा दिये गये उपरोक्त जानकारी से हमारे बिलासपुर एवं पूरे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज स्वंभू घोषित हुए पदाधिकारियों के लिए आक्रोशित है। इसकी घोर निंदा करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।


