
बिलासपुर/- प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर में जहा एक तरफ कोरोना का तांडव जारी है.. वही दूसरी ओर निजी अस्पताल मरीजो की जान से खिलवाड़ करने से बाज नही आ रहे है.. जमीन का भगवान कहे जाने वाले निजी अस्पताल के डॉक्टर चंद पैसो के लालच में मौतो के आग़ोश में धकेलने में कोई गुरेज नही कर रहे है.. ताजा मामला बिलासपुर के प्रताप चौक में स्तिथ निजी अस्पताल केयर एंड क्योर में आया है जहाँ पिछले 24 घण्टो में अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही से 08 लोगो की मौत हो गई है.. जीवन भर की गाढ़ी कमाई कर अपनो को बचाने की आश में अपनों की मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया.. परिजनों का आरोप है कि पैसे खत्म हो जाने के बाद दूसरे अस्पतालों में इलाज करने के लिए जब हम मरीजों को लेने पहुंचे तो थोड़ी देर में डिस्चार्ज करने का नाम लेकर अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को मृत घोषित कर दिया.. निजी अस्पताल में हो रही लापरवाही को लेकर रोज वीडियो वाइरल हो रहे है तमाम मीडिया इन खबरो के माध्यम से अस्पतालों की नाकामी बता रहे है.. परिजन चीख- चीख पर हॉस्पिटल की अव्यवस्था को कोस रहे है.. सारे जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधि शोषल मीडिया से जुड़े है वे भी देख रहे पर जांच के नाम पर 1000 का 3000 रुपए लेने पर एक सेंटर को सील करने वाला स्वास्थ्य महकमा जाग रहा न नोडल अफसर नियुक्त करने वाला जिला प्रशासन.. लगता है कि किसी बड़ी अनहोनी के बाद ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी नींद से जागेगा.. 8 लोगों की जान जाने के बाद परिजनों के हंगामे के दौरान जब मीडिया कर्मी मौके पर पहुंचे तो उन्हें भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था अपनी नाकामी छुपाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने गेट में बकायदा गेटकीपर को समझाइश देकर रखी थी ताकि अस्पताल की करतूत बाहर ना जा सके और मौत का खेल अस्पताल द्वारा यूं ही खेला जा सके।


