
नायब तहसीलदार श्वेता यादव अभी सरकारी मकान पर कब्ज़ा नहीं छोड़ रही. श्वेता यादव नायब तहसीलदार का ट्रांसफर बिल्हा तहसील. के लिए हो चूका है. राजेंद्र नगर चौक के पास उसको सरकारी मकान आबंटित है जिसे श्वेता यादव ने अभी तक खाली नहीं किया है. सबसे बड़ी बात यह है की इस मकान में वह खुद नहीं रहती बल्कि उसने अपने ही मा बाप को इस मकान को रहने के लिए दे रखा है. श्वेता यादव अपने पति अभय बरुवा के साथ राजकिशोर नगर में आलिशान मकान में रहती है. श्वेता यादव के माँ बाप का मकान शुभम विहार उसलापुर में खुद का करोडो रूपये का मकान है. उसके बाद भी नियम विरुद्ध ढंग से श्वेतायादव के माँ बाप सरकारी मकान में कब्जा जमाये हुए हैँ. यह सरकारी सम्पत्ति का नुकसान है. जिला प्राशासन चाहे तो अभी छापा मारकर देख सकता है मकान में ! उसके मां बाप निवास कर रहे हैँ. इस कृत्य के कारण श्वेता यादव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही किया जाना चाहिए नियमानुसार. एक तरफ जहाँ ऐसे करोड़पति पति वाले अधिकारी करोडो का मकान रहते हुए सरकारी सम्पत्ति पर कब्ज़ा जमाये हुए हैँ वहीं दूसरी तरफ छोटे छोटे सरकारी कर्मचारी अधिकारी जो केवल अपने वेतन के भरोसे अपना जीवन यापन कर रहें हैँ आदने से सरकारी मकान के लिए तरस रहें है. शासन को यह तय करना चाहिए कि सरकारी मकान आखिर किसको अबाँटन किया जाए. जो जरूरत मंद हैँ या जो रसूखदार हैँ. बहरहाल श्वेता यादव से जिला प्रशासन मकान खाली करवा पाता है कि यह भी एक जिला प्राशासन के सामने चुनौती से कम नहीं हैँ. जिले में ऐसे कई और सरकारी अधिकारी हैँ जिनका खुद का मकान है या आलीशान बँगले किराए पर ले रखे हैँ लेकिन सरकारी मकान छोड़ने का नाम नहीं ले रहें है.इधर बाकि लोग मकान के लिए तरस रहें हैँ।


