Home छत्तीसगढ़ पहली लहार में मास्क ओर पी पी किट बाटे, दूसरी लहर में ऑक्सिजन काँस्टेटर निःशुल्क एम्बुलेंस, तीसरी लहार ना आये ऐसी प्राथना पर उसके लिए भी बेचैन है- गौरव….

पहली लहार में मास्क ओर पी पी किट बाटे, दूसरी लहर में ऑक्सिजन काँस्टेटर निःशुल्क एम्बुलेंस, तीसरी लहार ना आये ऐसी प्राथना पर उसके लिए भी बेचैन है- गौरव….

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पहली लहार में मास्क ओर पी पी किट बाटे, दूसरी लहर में ऑक्सिजन काँस्टेटर निःशुल्क एम्बुलेंस, तीसरी लहार ना आये ऐसी प्राथना पर उसके लिए भी बेचैन है- गौरव….

 

बिल्हा/-कोरोना संक्रमण को चुनौती देते हुए दिया समाज सेवा को प्राथमिकता यह सर्वविदित है कि कोरोना महामारी मौत बनकर लोगों पर मंडरा रही है, जिधर भी देखो लोग कोरोना संक्रमण से निवारण के उपाय और रोगी को स्वस्थ होने के तरीके ढूंढ रहे हैं ।                                     

परंतु समाज में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपनी जान की परवाह न करते हुए समाज सेवा को प्राथमिकता देते हैं ऐसे ही नाम के धनी बिल्हा निवासी गौरव अग्रवाल जी हैं जो खुद कोरोना पॉजिटिव होते हुए भी समाज सेवा के दामन को थामे रखा और इसका मिसाल भी पेश किया ।                       

विदित हो कि इनके पिता स्वर्गीय गोवर्धन अग्रवाल जी भी मानव सेवा के प्रति समर्पित भाव रखते थे और सामाजिक कल्याण हेतु तन मन धन से लोगों की मदद करते थे गौरव अग्रवाल ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए इस महामारी में बढ़ चढ़कर सामाजिक सहभागिता में हिस्सा लिया और भरपूर सहयोग किया।प्रथम लहर में N 95 मास्क और पीपीई किट का वितरण किया।दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी की खबर आ रही थी उस समय उन्होंने 117 जरूरतमंदों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निशुल्क मुहैया कराया और लोग इससे लाभान्वित भी हुए फिर लोगों को जब अस्पताल जाने में दिक्कत होने लगी और उसके लिए लोगों को वाहन नहीं मिल पा रहा था तो उन्होंने बिल्हा और चकरभाटा आदि ग्रामीण इलाके से बिलासपुर जाने के लिए निशुल्क वाहन की व्यवस्था की बिल्हा कोविड सेंटर में नगद ₹51000 का योगदान किया ।माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ को पी पी ई किट और ₹25000 का चेक भी भेंट की ।बिल्हा कोविड सेंटर को चालू करने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी बिल्हा के साथ मिलकर काम किया और 7 दिन के अंदर उसका उद्घाटन भी हो गया।वैक्सीनेशन के लिए घर-घर जाकर जन जागरण का काम किया और जिनको वैक्सीन से भय हो रहा था उनको भय मुक्त बनाने का भी उन्होंने काम किया, और आज तक वे इस दिशा में सतत प्रयत्नशील है।गौरव अग्रवाल के कोरोना पॉजिटिव हो जाने के कारण इनके घर के लोग काफी भयभीत हो गए थे और इनको अपना ख्याल रखा जाने को कहा जाता था लेकिन उन्होंने खुद को तवज्जो नहीं दिया जिनके कारण उनको अपनी परिवार की नाराजगी भी झेलनी पड़ी।इस कार्य के लिए कई सामाजिक संस्थाओं ने गौरव अग्रवाल जी को सम्मानित भी किया।

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