
भरत चतुर्वेेेदी की खास रिपोर्ट..✍
बेमेतरा नवागढ़/- संसदीय सचिव गुरदयाल सिंह बंजारे आज अपने दौरा कार्यक्रम के दौरान विधानसभा क्षेत्र नवागढ़ के दौरे पर रहे जहां ग्राम पंचायत में करोड़ों के विकास कार्यों का लोकार्पण भूमिपूजन कर विकास की सौगात दी । 
संसदीय सचिव गुरदयाल सिंह बंजारे क्षेत्र के दौरे पर ग्राम पंचायत भोपसरा पहुचे जहाँ ग्राम पंचायत में सामुदायिक भवन लागत 6 लाख 50 हजार का भूमिपूजन किया ,उनके बाद ग्राम पंचायत घुरसेना पहुचे । 
ग्राम पंचायत घुटसेना पहुंचने पर सरपंच और ग्रामीणों के द्वारा संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे का गाजेबाजे के साथ स्वागत किया । जहां उन्होंने ग्राम पंचायत में आयोजित लोकार्पण भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए । जिसमे संसदीय सचिव द्वारा 5 लाख 20 हजार के सी सी रोड निर्माण का भूमिपूजन वह 30 लाख से ज्यादा के कामो का लोकार्पण किया जिसमें सर्व समाज सामुदायिक भवन 6लाख 50 हजार आंगनबाड़ी भवन 6 लाख 50 हजार आयुर्वेद अस्पताल भवन लोकार्पण 10 लाख 60 हजार एवं साहू समाज सामुदायिक भवन 6 लाख 50 शामिल है । वही ग्राम घोषणा में समूह जल प्रदाय योजना के तहत बनने वाले पानी टंकी लागत 98 लाख 40 हजार का कार्य शुभारंभ किया । 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे ने कहा कि क्षेत्र विकास के लिए पैसों की कमी नहीं होगी । वहीं केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता और नेता सिर्फ राजनीति करना जानते है , इनका क्षेत्र के विकास और किसानों के हित से कोई सरोकार नही है । संसदीय सचिव ने आगे कहा कि आज भाजपा के लोग धान के मुद्दे पर राजनीति करते हैं मगर वास्तविकता यह जनता को नहीं बताते कि किस तरह से वह भूपेश सरकार के किसान हित फैसलों का विरोध करते हैं । छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों को एक साथ 2500 रुपये धान की खरीदी देना चाहता है । मगर केंद्र सरकार और भाजपा के किसान विरोधी नीति के कारण ही हमें किस्तों में पैसा देना पड़ रहा है , भाजपा के लोग और उनके जनप्रतिनिधि अगर किसान हितैषी होते तो वे केंद्र को पत्र लिख भूपेश सरकार के धान खरीदी का समर्थन करते , वे प्रधानमंत्री को पत्र क्यों नहीं लिखते है ।
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार किसानों को 2500रुपये क्विटल धान खरीदने के लिए कटिबद्ध है , और हर हाल में किसानों को उनका हक मिलेगा , आज केंद्र की दोगली नीति के कारण ही हमें किसानों को किस्तों में पैसा देना पड़ रहा है , केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए उन्हें जीएसटी के 20 हजार करोड़ रूपया नहीं दिया गया जिसके चलते छत्तीसगढ़ सरकार को किसान हित के लिए कर्ज भी लेना पड़ा है ।


