बिलासपुर //- उषा आफले पर हाल ही में राम मंदिर निर्माण के लिए अवैध धन इकट्ठा करने के लगे थे आरोप । हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में स्टे आर्डर देकर उनकी गिरफ्तारी पर लगाई रोक।
आरोप के अनुसार उनके निजी एकाउंट में उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए धन राशि मंगवाई थी और कई लोगो से उगाही की थी । हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई पर यह बात स्पष्ट हुई कि उनके बैंक में एक रुपया भी किसी दानदाता का जमा नही कराया गया। बैंक खाते के लेन-देन में यह बात का स्पष्टीकरण हुआ । यह बात भी सामने आई कि एक भी दानदाता नही जो इस बात की पुष्टि करे। जिस फेसबुक पोस्ट की वजह से यह मामला दर्ज हुआ था उसमें भी किसी दान आने से पहले यह स्पष्ट रूप से लिखा गया कि यह अधिकृत खाता नही केवल एक माध्यम है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उषा आफले को इस कृत्य में उनकी बढ़ती ख्याति की वजह से षड्यंत्र रचा कर फसाया गया । जनता दरबार नाम की मुहिम जो कि उषा आफले के नेतृत्व में प्रशासन से पीड़ित लोगों की मदद के लिए चलाई जाती है, उसकी वजह से कुछ बड़े नाम उषा आफले के सीधे दुश्मन बन गए । उषा आफले के समर्थकों ने उनके शहर आगमन पर उनके लिए विशाल रैली का भी आयोजन किया है। उषा जी ने मीडिया को बताया कि उनकी सामाजिक छवि को खराब करने के प्रयत्न में ये किया गया । उन्होंने जनता से ये अनुरोध भी किया है कि बिना पुष्टि किये ऐसी किसी बात का भरोसा न करें, उनका विश्वास ही किसी की ताकत है।
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