



अंकित गौरहा ने कहा की श्रीमद भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है यह आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। भागवत पुराण को मुक्ति का ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति व सुख समृद्धि लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए।उन्होंने कहा कथा के आयोजन से रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली मिलती है। 