Home छत्तीसगढ़ वृक्षारोपण अभियान के तहत वृक्ष लगाने को लेकर सांसद प्रतिनिधि कश्यप से विवाद…

वृक्षारोपण अभियान के तहत वृक्ष लगाने को लेकर सांसद प्रतिनिधि कश्यप से विवाद…

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वृक्षारोपण अभियान के तहत वृक्ष लगाने को लेकर सांसद प्रतिनिधि कश्यप से विवाद…

 


गौरेला-छत्तीसगढ़ को हरा-भरा और सुंदर बनाने के उदे्श्य से प्रदेश सरकार ने बड़े स्तर पर वृक्षारोपण की तैयारी शुरू कर है.. जिसको देखते हुए गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिला दंडाधिकारी के निर्देशन अनुसार शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण कराया जाना था.. जिस पर अमल करते हुए जीपीएम जिला में कांग्रेस सांसद प्रतिनिधि बाला कश्यप द्वारा अपने क्षेत्र में वृक्षारोपण का कार्य करवाया जा रहा है.. लेकिन सांसद प्रतिनिधि के अपने निवास ग्राम तेन्दुमुडा में जब सरपंच व सचिव द्वारा जेसीबी से लेबलिंग व खुदाई का कार्य कराया जा रहा था तो ग्राम के ही एक परिवार द्वारा शासकीय पट्टे की लेबलिंग व खुदाई कार्य को बलपूर्वक रूकवाया गया..               

जिसकी जानकारी सांसद प्रतिनिधि बाला कश्यप मिली.. जिस पर जानकारी लेने व परिवार के मुखिया को समझाने के उद्देश्य से मौके पर पहुंचे.. सांसद प्रतिनिधि की समझाइश पर उक्त परिवार गुस्से भड़क गया साथ ही टंगिये से उनपर हमला कर दिया हमले पर बाला कश्यप बाल बाल बच गए.. परिवार की इस हरकत से सरपंच सचिव व वहां उपस्थिति ग्रामीणों ने बीच बचाव किया.. चूंकि मामला निवास ग्राम का था इसलिए मामले की जानकारी सांसद प्रतिनिधि के पुत्र वतन कश्यप व सागर कश्यप को हुई.. पिता पर जानलेवा हमला होने की सूचना मिलते ही दोनों पुत्र मौके पर पहुंचे जहां दोनों पक्षो में विवाद बढ़ गया और मारपीट हो गई जो कि एक पिता व पुत्र के संबंध होने से स्वाभाविक था.. मामला अपने निवास ग्राम पंचायत का होने के कारण सांसद प्रतिनिधि ने मारपीट की शिकायत थाने में दर्ज नही करवाई केवल अतिक्रमण की सूचना लिखित रूप से तहसीलदार को उपलब्ध करवा दी.. मामले में अपने आप को फसता हुआ देख लालता द्वारा इनके खिलाफ़ थाना में उपस्थित होकर मामला दर्ज करवाया गया.. जिस पर कार्यवाही करते हुए गौरेला थाना प्रभारी ने सांसद प्रतिनिधि बाला कश्यप व उनके पुत्र पर आई पी सी की धारा-294-IPC, 323IPC, 336 IPC, 34 IPC,506 IPC के तहत गौरेला थाना में मामला दर्ज किया गया है.. ऐसे में सवाल उठता है कि.. शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण करने गए लोगों पर कार्रवाई की जा सकती है तो पर्यावरण संबंधी और शासन के आदेश कार्य में बाधा डालने के मामले में लड़ाई करने वाले पक्षी पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है..

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