Sunday, December 21, 2025
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सेवा सहकारी समिति भरारी किसानों से अधिक कटौती का दावा, प्रशासनिक चुप्पी पर भी उठे सवाल….

बिलासपुर जिले के सेवा सहकारी समिति भरारी में अनाज खरीदी के दौरान तौल प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं सामने आए हैं। किसानों का कहना है कि समिति द्वारा निर्धारित किसानों से अधिक वजन लिया जा रहा है, और प्रबंधक द्वारा 41किलो 500 ग्राम से अधिक वजन पर धान मंगाया जाता है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

 

किसानों का कहना है कि एक-एक बोरी पर की जा रही अतिरिक्त कटौती से कुल मिलाकर उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। पहले से ही महंगाई, खाद-बीज और खेती की बढ़ती लागत से परेशान किसानों के लिए यह समस्या उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रही है।

समिति द्वारा बड़ी मात्रा में अनाज जमीन पर गिराकर उसे अलग-अलग बोरियों में भरकर स्टॉक रखा जा रहा है, ताकि नमी (सूक्ति) को लेकर कोई सवाल न उठे। इससे अनाज की गुणवत्ता और तौल की निष्पक्षता दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस पूरे मामले में जब संबंधित अधिकारियों से फोन के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई बार कॉल करने के बावजूद फोन नहीं उठाया गया इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिस्टम किस तरह से मनमाने ढंग से काम कर रहा है।

स्थानीय किसानों का कहना है कि अनाज तौल प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए और मौके पर निर्धारित किसानों के अनुसार ही वजन लिया जाए। साथ ही उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।किसानों से अधिक कटौती का दावा, प्रशासनिक चुप्पी पर भी उठे सवाल

किसानों के अनुसार, अनाज तौल के समय बोरी के वजन के नाम पर तय मानक से ज्यादा कटौती की जा रही है। शासन के नियम में 40 किलो 600 ग्राम वजन एक तौल में लिया जाना है पर प्रबन्धक द्वारा 41किलो 880 ग्राम व 42 किलो तक वजन लिया जा रहा है । कई किसानों ने बताया कि जब उन्होंने इस अतिरिक्त कटौती का विरोध किया तो उनकी शिकायतों को अनसुना कर दिया गया। कुछ मामलों में तो किसानों को यह कहकर दबाव में लिया गया कि ज्यादा सवाल करने पर उनकी अनाज खरीद प्रक्रिया में देरी की जाएगी। 

किसानों का कहना है कि एक-एक बोरी पर की जा रही अतिरिक्त कटौती से कुल मिलाकर उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। पहले से ही महंगाई, खाद-बीज और खेती की बढ़ती लागत से परेशान किसानों के लिए यह समस्या उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रही है।

समिति द्वारा बड़ी मात्रा में अनाज जमीन पर गिराकर उसे अलग-अलग बोरियों में भरकर तौला जा रहा है, ताकि नमी (सूक्ति) को लेकर कोई सवाल न उठे। इससे अनाज की गुणवत्ता और तौल की निष्पक्षता दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्थानीय किसानों का कहना है कि अनाज तौल प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए और मौके पर निर्धारित मानकों के अनुसार ही वजन लिया जाए। साथ ही उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 

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